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Etawah News: यादव को नहीं सिर्फ ब्राह्मण को है भगवान की कथा करने का अधिकार? कौन हैं इसका फैसला करने वाले ठेकेदार?

Etawah News: जब भगवान राम ने नहीं किया भेदभाव तो अब कौन कर रहा जाति और धर्म के आधार पर बांटने का फैसला?

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Etawah Yadav Kathavachak News: अगर आप भी कथावाचक हो और जाति से यादव हो तो सावधान हो जाओ, क्योंकि हम कितना ही कह लें भारत आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में लोगों का दिमाग आज भी पिछड़ा हुआ है. आज के इस दौर में भी दलित होना शायद अपराध है. आज के समाज में भी एक वर्ग ऐसा भी है जो यादवों को पिछड़ा मानता है और उनके साथ किसी भी हद तक बुरा बर्ताव करने में संकोच नहीं करता है.

कथावाचक को बुरी तरह किया गया जलील
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक कथावाचक को समाज के बीच बुरी तरह जलील किया गया. उसका सिर मुडवा दिया गया, एक महिला के पैरो में गिराया गया, जमीन पर नाक रगड़वाई गई और तो और तो उसके साथ मारपीट भी गई. इस सब का कारण बस इतना था कि वो समाज से था और कथा वाचन का काम कर रहा था.

क्या यादवों का भगवान अलग है?
जिला इटावा के कथावाचक मणि सिंह यादव के साथ हुए इस बर्ताव का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों का गुस्सा फूट गया. और हर किसी के मन में बस यही सवाल आया कि कथा करने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मणों को है, क्या यादव हिंदू नहीं है, क्या यादव इंसान नहीं है, क्या यादव का भगवान अलग है?

पीड़ित कथावाचक मणि सिंह यादव ने बताया…
इस बारे में जब पीड़ित कथावाचक मणि सिंह यादव से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी भागवत कथा की बुकिंग 21 से 27 जून तक की थी. जब वो कथा करने गांव दान्दरपुर पहुंचे तो पहले ही दिन उसने उनकी जाति पूछ ली गई. जब उन्होंने बताया कि वह यादव हैं तो उन पर दलित होने का आरोप लगा दिया गया. इसके बाद उनके साथ मारपीट की गई, उनका सिर मुडवा दिया और जमीन पर नाक रगड़ने को बोला गया. इतना ही नहीं वहां मौजूद लोगों ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि ब्राह्मणों के गांव में भागवत पाठ करने की हिम्मत कैसे की?

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