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Political News: इटावा में कथावाचक के अपमान को लेकर गर्मायी सियासत, अखिलेश यादव के बाद अब…

Political News: कथावाचक मुकुटमणि के अपमान को लेकर सियासी गलियारों में...

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Political News: उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के गांव दादरपुर में कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार का मामला अब सिर्फ गांव तक ही सीमित नहीं रह गया है. ये मामला अब सियासी गलियारो में भी चक्कर लगा रहा है. कारण सिर्फ इतना है कि ये मामला बस मारपीट का नहीं, बल्कि जात-बिरादरी का है. और भारत जैसे देश में आज भी जाति और धर्म को सबसे ऊपर रखा जाता है. जाति धर्म के नाम पर वोट बैंक बनाया जाता है.

कथावाचक के साथ क्या-क्या हुआ?
वहीं, अगर बात की जाए भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानी मीडिया की तो उसे भी जाति और धर्म के नाम पर बस मसाला ढ़ूंढना अच्छा लगता है. यही वजह है कि आज मीडिया को कोई भी देखना पसंद नहीं करता है. खैर ये एक अलग बात है. फिलहाल हम बात करते है उस कथावाचक की जिसकी चोटी काटी गई, जिसके साथ मारपीट की गई, उसकी नाक रगडवाई गई और तो और तो उस पर मूत्र का छिड़काव किया गया. इतना ही नहीं इसके बाद गांव की शुद्धि भी करवाई गई.

‘सपा’ प्रमुख ने ट्वीट करते हुए कहा…
कथावाचक मुकुटमणि के अपमान पर एक के बाद एक बड़ा राजनीतिक चेहरा सामने आ रहा है और अपने-अपने अंदाज में इस मामले पर बयानबाजी कर रहा है या यूं कहें कि इस मामले को और तूल दे रहा है. कथावाचक मुकुटमणि के साथ हुई अपमानजनक हरकत का वीडियो सामने आने के बाद देशभर से लोगों ने उनके पक्ष में आकर उनकी आवाज उठाई. इसी बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कथावाचक मुकुटमणि के पक्ष में आ गए.

अखिलेश यादव ने ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा…
अखिलेश यादव ने घटना का वीडियो सामने आने के तुरंत बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ट्वीट करते हुए कहा, “हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध किया गया अपराध है. सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया जाए”.

कैसे हुआ पूरा विवाद?
कथावाचक मुकुटमणि और उनके साथियों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर समाजवादी पार्टी की ओर से भी कई गंभीर आरोप भी लगाए जा रहे हैं. हालांकि इस पूरे मामले में अभी कुछ भी साफ नहीं हो पाया है. पीड़ित कथावाचकों का कहना है कि उन्हें इसलिए पीटा गया क्योंकि उनकी जाति यादव थी. जबकि आरोपी पक्ष का कहना है कि कथावाचक और उनके साथियों को इसलिए पीटा गया, क्योंकि उन्होंने वहां मौजूद महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की. इतना ही नहीं पूजा के दौरान खाली कलश की पूजा करने की बात कही, जिसे धार्मिक परंपराओं के अनुसार, पूजा में हमेशा पानी से भरकर रखा जाता है. इस सब के बाद पता चला कि कथावाचक ब्राह्मण नहीं यादव है.

सीएम योगी ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा…
वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से लग रहे आरोपों के बीच अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है. सीएम योगी ने बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, साल 2017 से पहले उत्तर प्रदेश बेटी और व्यापारियों के लिए सबसे असुरक्षित प्रदेश के रूप में जाना जाता था. इस राज्य को दंगों के रूप में और गिरोह के रूप में भी सबसे असुरक्षित माना जाता था. सीएम अभी इसी पर नहीं रुके. उन्होंने यहां तक कह दिया कि पिछली सरकारों की उपलब्धि जातीय संघर्ष कराकर और परिवारवाद के नाम पर एक जनपद और एक माफिया देना ही रही है.

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